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मंऽ:
इक ओंकार सितनाम
करता पुरखु िनरभउ िनरवैर।
अकाल मूरित अजूनी सैभं गु$ ूसाद।।
जपु:
आद सचु जुगाद सचु।
है भी सचु नानक होसी भी सचु।।
पउड़): १
सोचे सोिच न होवई जे सोची लख बार।
चुपै चुप न होवई जे लाइ रहा िलवतार।
भु.खया भुख न उतर) जे बंना पुर)आं भार।
सहस िसयाणपा लख होह, त इक न चले नािल।
कव सिचयारा होइए, कव कू ड़ै तुटै पािल।
हकिम रजाई चलणा ु ‘नानक’ िल.खआ नािल।
नानक वह) हB, जो मधवा को 7बना तौले पी गए हB। फर जीवन भर गाते रहे। ये गीत साधारण गायक के नह)ं
हB। ये गीत उसके हB .जसने जाना है। इन गीत3 म6 सHय क4 भनक, इन गीत3 म6 परमाHमा का ूित7बंब है।
दसर) बात ू , जपुजी के जDम के संबंध म6। .जस भाद3 क4 रात क4 मBने बात कह)–तब नानक क4 उॆ रह) होगी
कोई सोलह-सऽह। जपुजी का जDम हआ तब उनक4 उॆ थी ु , छSीस वष9, छह माह, पंिह दन। .जस घटना
का मBने उVलेख कया, उस भाद3 क4 रात वे साधक थे और तलाश म6 थे। Aयारे क4 पुकार चल रह) थी, 7पयू-
7पयू। अभी पपीहा रट लगा रहा था। अभी िमलन न हआ था। ु
जपुजी का जब जDम हआु –यह िमलन के बाद उनका पहला उदघोष है। पपीहा ने पा िलया अपने Aयारे को।
7पयू-7पयू क4 रटन पूर) हई। िमलन हो गया। उस िमलन से जो ु पहला उदघोष हआ है ु , वह जपुजी है। इसिलए
नानक क4 वाणी म6 जो मूVय जपुजी का है वह कसी और बात का नह)ं। जपुजी ताजी से ताजी खबर है उस
लोक क4। वहां से लौट कर उDह3ने जो पहली बात कह), वह यह) है। उस जगत से इस जगत म6 आ कर, जो
पहले शWद िनिम9त हए वह) जपुजी है। ु
उस घटना को भी समझ लेना है।
नद) के कनारे रात के अंधेरे म6, अपने साथी और सेवक मरदाना के साथ वे नद) तट पर बैठे थे। अचानक
उDह3ने वY उतार दए। 7बना कु छ कहे वे नद) म6 उतर गए। मरदाना पूछता भी रहा, Mया करते हB? रात ठंड)
है, अंधेर) है! दर नद) म6 वे चले गए। मरदाना पीछे ू -पीछे गया। नानक ने डु बक4 लगाई। मरदाना सोचता था
क Zण-दो Zण म6 बाहर आ जाएंगे। फर वे बाहर नह)ं आए।
दस-पांच िमनट तो मरदाना ने राह देखी, फर वह खोजने लग गया क वे कहां खो गए। फर वह िचVलाने
लगा। फर वह कनारे-कनारे दौड़ने लगा क कहां हो? बोलो, आवाज दो! ऐसा उसे लगा क नद) क4 लहरलहर से एक आवाज आने लगी, धीरज रखो, धीरज रखो। पर नानक क4 कोई खबर नह)ं। वह भागा गांव
गया, आधी रात लोग3 को जगा दया। भीड़ इक\ठ] हो गई